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आपके लिए ज़रूरी जानकारी

ओवरव्यू

इंटरनेट शब्द ने हमारे अस्तित्व को पूरी तरह से बदल दिया है. इसने हमारे काम करने, मेलजोल बढ़ाने, जानकारी बनाने और साझा करने, और दुनिया भर में लोगों, विचारों और चीज़ों के प्रवाह को व्यवस्थित करने के तरीके को बदल दिया है. आज, हम अपना ज़्यादातर समय इंटरनेट सर्फिंग, शॉपिंग, शेयरिंग और नए लोगों से मिलने में बिताते हैं. इसमें कोई संदेह नहीं है कि इंटरनेट ने हमें सुविधा प्रदान की है और हमारे जीवन में बहुत सुधार किया है, लेकिन साथ ही यह एक खतरनाक जगह भी साबित हुआ है जिससे हमें साइबर स्पेस में मौजूद जोखिमों से सामना होने का खतरा रहता है, जैसे कि आपकी ई-रेपुटेशन को नुकसान होने का जोखिम, धोखाधड़ी वाले ट्रांज़ैक्शन क्रेडिट कार्ड्स, डेबिट कार्ड, आपकी पर्सनल जानकारी की चोरी, आदि
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एक सर्वेक्षण के अनुसार, इंटरनेट सेवा के बढ़ते उपयोग से भी साइबर अपराधों में वृद्धि हुई है. 2014 में, भारत में IT एक्ट के तहत साइबर अपराधों के 9,622 मामले दर्ज किए गए थे, जो पिछले वर्ष की तुलना में 69 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि भारतीय इंटरनेट यूज़र को भविष्य के लिए सावधानियां बरतनी चाहिए. आपकी आधुनिक लाइफस्टाइल या सुविधा को बाधित किए बिना इंटरनेट पर की गई गतिविधियों के लिए व्यापक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, एच डी एफ सी एर्गो ने "ई@सिक्योर इंश्योरेंस" नाम का एक नया प्रोडक्ट पेश किया है.

एच डी एफ सी एर्गो का ई@सिक्योर इंश्योरेंस एक प्रोडक्ट है, जो कवर किए गए जोखिम के कारण थर्ड पार्टी द्वारा ऑनलाइन उल्लंघन (सीधे इंटरनेट के उपयोग से उत्पन्न) की स्थिति में व्यक्तिगत ग्राहक को सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. अतिरिक्त प्रीमियम के शुल्क के अधीन, इस पॉलिसी के तहत कवरेज बीमित व्यक्ति के परिवारों को शामिल करने के लिए भी बढ़ाया जा सकता है और डिजिटल एसेट की रीस्टोरेशन लागत को कवर किया जा सकता है.

Features

विशेषताएं

मुख्य विशेषताएं

  • परिवार के लिए कवर - 'ऐड-ऑन' के रूप में (परिवार में बीमित व्यक्ति, पति/पत्नी और दो आश्रित बच्चे शामिल हैं (कोई आयु सीमा नहीं).
  • कवर किसी विशेष डिवाइस या लोकेशन तक सीमित नहीं है.

विशेषताएं

  • किसी भी डिवाइस से किए गए साइबर जोखिमों और धोखाधड़ी से सुरक्षा
  • अनधिकृत ई-ट्रांज़ैक्शन को पूरी बीमा राशि तक कवर करता है
  • सोशल मीडिया ट्रोलिंग/बुलिंग/स्टॉकिंग सहित आपकी ऑनलाइन प्रतिष्ठा को कवर करता है
  • कानूनी सलाह और खर्चों और मानसिक उत्पीड़न के लिए भुगतान करता है
  • बच्चों सहित पूरे परिवार के लिए कवर
Card Management & Control

कवरेज

कवरेज

  • ई-रेपुटेशन को नुकसान - यह तब होता है जब थर्ड पार्टी इंटरनेट (फोरम, ब्लॉग पोस्टिंग, सोशल मीडिया और किसी अन्य वेबसाइट सहित) पर आपके बारे में हानिकारक जानकारी प्रकाशित करती है
  • पहचान की चोरी - यह तब होती है जब पैसे, सामान या सेवाओं को प्राप्त करने के लिए थर्ड पार्टी द्वारा इंटरनेट पर आपकी पर्सनल जानकारी चोरी की जाती है.
  • अनधिकृत ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन - यह तब होता है जब आपके बैंक अकाउंट या क्रेडिट/डेबिट कार्ड का उपयोग किसी थर्ड पार्टी द्वारा इंटरनेट पर की गई खरीदारी के लिए धोखाधड़ी से किया जाता है.
  • ई-एक्सटॉर्शन - यह तब होता है जब कोई थर्ड पार्टी आपसे सामान, पैसे या सेवा पाने के इरादे से इंटरनेट पर आपको धमकी देता है.
  • साइबर बुलिंग या उत्पीड़न - अगर आप किसी थर्ड पार्टी द्वारा साइबर बुलिंग या उत्पीड़न का शिकार होते हैं.
  • फिशिंग और ईमेल स्पूफिंग - फिशिंग और ईमेल स्पूफिंग के कारण होने वाले फाइनेंशियल नुकसान को कवर करता है

वैकल्पिक कवर

  • परिवार - खुद को, पति/पत्नी और आश्रित बच्चों को शामिल करने के लिए कवर बढ़ाएं (परिवार के अधिकतम 4 सदस्य)
  • मालवेयर से डिजिटल एसेट की सुरक्षा - डिजिटल डेटा के रीस्टोरेशन और रीकलेक्शन की लागत को कवर करता है, जो लायबिलिटी की लिमिट का अधिकतम 10% तक होता है.
Redemption Limit

पात्रता

पात्रता
18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति इस पॉलिसी को खरीद सकता है

  • परिवार के लिए कवर - 'ऐड-ऑन' के रूप में (परिवार में बीमित व्यक्ति, पति/पत्नी और दो आश्रित बच्चे शामिल हैं (कोई आयु सीमा नहीं).
  • कवर किसी विशेष डिवाइस या लोकेशन तक सीमित नहीं है.

प्रमुख एक्‍सक्‍लूज़न

  • धोखाधड़ी, जानबूझकर किए गए कार्य
  • पूर्व के कार्य और परिस्थितियां
  • घटना होने के 6 महीनों से अधिक समय के बाद रिपोर्ट किया गया कोई भी क्लेम
  • अस्पष्टीकृत नुकसान या रहस्यमय ढंग से गायब हो जाना जिसके कारण हानि होती है
  • युद्ध, आतंकवाद, लूटपाट और सरकारी कार्रवाई
  • नॉन-डिजिटल मीडिया को कवर नहीं करता है

जनरल इंश्योरेंस पर कमीशन

Card Management & Control

सामान्य प्रश्न

ई@सिक्योर पॉलिसी व्यक्ति और उसके परिवार को ऑनलाइन धोखाधड़ी और अपराधों से सुरक्षा देती है. इसमें ऑनलाइन खरीदारी से जुड़ी धोखाधड़ी, नकली ईमेल भेजना (स्पूफिंग), फिशिंग और ऑनलाइन छवि (ई-रेपुटेशन) को नुकसान जैसे मामले शामिल हो सकते हैं.

बीमित व्यक्ति क्राइम होने के 6 महीनों के अंदर क्लेम रजिस्टर कर सकता है, इसके बाद क्लेम देय नहीं होगा.

इस पॉलिसी को बीमित व्यक्ति के आश्रित बच्चों को कवर करने के लिए बढ़ाया जा सकता है. पॉलिसी आपके बच्चों को साइबर बुलीइंग और उत्पीड़न के कारण होने वाले मानसिक आघात तथा ऑनलाइन रेपुटेशन के नुकसान के खिलाफ सुरक्षित कर सकती है.

यह पॉलिसी ₹50,000 से लेकर 1 करोड़ तक की क्षतिपूर्ति विकल्पों की मल्टीपल लिमिट प्रदान करती है. बीमित व्यक्ति इनमें से कोई भी विकल्प चुन सकता है तथा फैमिली और मालवेयर एड ऑन कवर भी ले सकता है. यह कवर, बीमित की क्रेडिट लिमिट, उसके बैंक अकाउंट में बैलेंस और इंटरनेट पर की जाने वाली खरीदारी की आवृत्ति और राशि पर निर्भर करेगा.

आजकल, बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक, हर कोई साइबर स्पेस में सक्रिय है. ऐसे प्रत्येक व्यक्ति को ऑनलाइन खतरों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए, साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से ऑनलाइन धोखाधड़ी के खिलाफ सुरक्षा मिल सकती है. 18 वर्ष और इससे अधिक की आयु का कोई भी व्यक्ति यह पॉलिसी खरीद सकता है और यह पॉलिसी खुद के लिए, पति/पत्नी और दो आश्रित बच्चों के लिए खरीदी जा सकती है (आयु सीमा का कोई प्रतिबंध नहीं).

इस पॉलिसी के तहत कवर किए जाने वाले जोखिम हैं:

  • ई-रेपुटेशन को नुकसान - यह तब होता है जब कोई थर्ड पार्टी इंटरनेट (फोरम, ब्लॉग पोस्टिंग, सोशल मीडिया और किसी अन्य वेबसाइट सहित) पर आपके बारे में हानिकारक जानकारी प्रकाशित करती है
  • पहचान की चोरी - यह तब होती है जब पैसे, सामान या सेवाओं को प्राप्त करने के लिए थर्ड पार्टी द्वारा इंटरनेट पर आपकी पर्सनल जानकारी चोरी की जाती है.
  • अनधिकृत ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन - यह तब होता है जब आपके बैंक अकाउंट या क्रेडिट/डेबिट कार्ड का उपयोग किसी थर्ड पार्टी द्वारा इंटरनेट पर की गई खरीदारी के लिए धोखाधड़ी से किया जाता है.
  • ई-एक्सटॉर्शन - यह तब होता है जब कोई थर्ड पार्टी आपसे सामान, पैसे या सेवा पाने के इरादे से इंटरनेट पर आपको धमकी देता है.
  • साइबर बुलिंग या उत्पीड़न- अगर आप किसी थर्ड पार्टी द्वारा साइबर बुलिंग या उत्पीड़न का शिकार होते हैं.
  • फिशिंग और ईमेल स्पूफिंग - फिशिंग और ईमेल स्पूफिंग के कारण होने वाले फाइनेंशियल नुकसान को कवर करता है.

ऐड ऑन कवर

  • परिवार - स्वयं, पति/पत्नी और आश्रित बच्चों को शामिल करने के लिए कवर प्रदान करता है (परिवार के अधिकतम 4 सदस्य)
  • मालवेयर से डिजिटल एसेट की सुरक्षा - डिजिटल डेटा के रीस्टोरेशन और रिकलेक्शन की लागत को कवर करता है, जो लायबिलिटी की लिमिट का अधिकतम 10% तक होता है.

हां, ई@सिक्योर पॉलिसी पहचान की चोरी या आइडेंटिटी थेफ्ट को कवर करती है.

यह पॉलिसी दुनिया भर में ऑनलाइन धोखाधड़ी और अपराधों से होने वाले नुकसान को कवर करती है. हालांकि, पॉलिसी के तहत किसी भी कानूनी कार्यवाही का अधिकार क्षेत्र भारत रहता है.

साइबर इंश्योरेंस, साइबर धोखाधड़ी के कारण नुकसान होने पर कवर प्रदान करता है. आज हर काम के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल हो रहा है और ऐसे में हर व्यक्ति साइबरस्पेस में मौजूद खतरों से प्रभावित हो सकता है. साइबर इंश्योरेंस के साथ, आप खुद को तथा अपने परिवार को, अनधिकृत ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन, फिशिंग और ईमेल स्पूफिंग, ई-रेपुटेशन को नुकसान, पहचान चोरी, साइबर बुलीइंग और ई-एक्सटॉर्शन के कारण पैदा होने वाले फाइनेंशियल जोखिमों से सुरक्षित कर सकते हैं.

फिशिंग को पॉलिसी लिमिट के 15% तक और ईमेल स्पूफिंग को पॉलिसी लिमिट के 25% तक कवर किया जाता है. यह पॉलिसी उक्त हमलों के कारण होने वाले फाइनेंशियल नुकसान के लिए भुगतान करती है.

न्यूनतम बीमा राशि लिमिट ₹ 50,000 के लिए प्रीमियम ₹ 1,410 + GST है.

फिशिंग में किसी वैध वेबसाइट की नकल करके उसे वैध जैसा दिखाया जाता है, और इस प्रकार लोगों को नकली वेबसाइट पर ट्रांज़ैक्शन करने या विवरण शेयर करने के लिए प्रेरित किया जाता है, जिससे ग्राहकों को फाइनेंशियल नुकसान होता है. ईमेल स्पूफिंग में नकली मेल ID से ईमेल भेजकर पीड़ितों की संवेदनशील जानकारी जैसे कि उनके बैंक अकाउंट का विवरण, कंप्यूटर सिस्टम, पासवर्ड जैसी पर्सनल जानकारी प्राप्त की जाती है.

हां, बीमित व्यक्ति इंश्योरेंस कंपनी से सहमति प्राप्त करने के बाद खुद का वकील हायर कर सकते हैं.

यदि आपने ई@सिक्योर पॉलिसी के तहत इंश्योरेंस करवा रखा है, तो आपके अकाउंट विवरण का उपयोग करके धोखाधड़ी से की गई ऑनलाइन खरीद के कारण आपको हुए फाइनेंशियल नुकसान को कवर किया जाता है. बीमित व्यक्ति क्राइम होने के 6 महीनों के अंदर क्लेम रजिस्टर कर सकते हैं, इसके बाद क्लेम देय नहीं होगा.

हां. साइबर इंश्योरेंस आपके क्रेडिट कार्ड, पर्सनल बैंक अकाउंट, डेबिट कार्ड और ई-वॉलेट का उपयोग करके ऑनलाइन की गई अनधिकृत ऑनलाइन खरीद को कवर करता है.

यह 12 महीने है.

पहचान की चोरी एक प्रकार की धोखाधड़ी होती है, जिसमें कोई व्यक्ति लोन, क्रेडिट इत्यादि प्राप्त करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति के नाम और पर्सनल जानकारी का उपयोग कर लेता है.

यदि क्लेम के समय, एक से अधिक सेक्शन ट्रिगर हो जाते हैं, तो पॉलिसी अधिकतम सब-लिमिट वाले सेक्शन के तहत क्लेम का भुगतान करेगी. उदाहरण के लिए: यदि नुकसान ई-रेपुटेशन सेक्शन (पॉलिसी लिमिट के 25% तक कवर किया जाता है) और अनधिकृत ऑनलाइन ट्रांजैक्शन (पॉलिसी लिमिट के 100% तक कवर किया जाता है), दोनों के तहत होता है, तो क्लेम का भुगतान अनधिकृत ऑनलाइन ट्रांजैक्शन सेक्शन के तहत किया जाएगा.

हां, यदि किसी व्यक्ति का डिजिटल असेट मालवेयर के कारण खराब हो जाता है या नष्ट हो जाता है, तो पॉलिसी उसे होने वाले नुकसान के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है. पॉलिसी अतिरिक्त प्रीमियम के भुगतान पर मालवेयर द्वारा खराब किए गए डिजिटल एसेट के रिप्लेसमेंट, रीस्टोरेशन और रीकलेक्शन की लागत का भुगतान करती है.

नहीं, इसका भुगतान नहीं किया जाता है. केवल ई-एक्सटोर्शन, ई-रेपुटेशन के नुकसान और मालवेयर के मामले में ही IT खर्च का भुगतान किया जाता है.

हां, पॉलिसी ई-रेपुटेशन के नुकसान के साथ-साथ साइबर बुलीइंग और उत्पीड़न को भी कवर करती है. ई-रेपुटेशन के नुकसान के मामले में, पॉलिसी, इंटरनेट पर फैलाए गए हानिकारक और अपमानजनक कंटेंट का मुकाबला करने के लिए एक IT विशेषज्ञ नियुक्त करने की लागत की प्रतिपूर्ति करती है. पॉलिसीधारक को पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस से निपटने के लिए सायकोलॉजिस्ट से परामर्श करने में हुए खर्च की भी प्रतिपूर्ति की जा सकती है. साइबर बुलीइंग और उत्पीड़न के मामले में, पॉलिसी पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए साइकोलॉजिस्ट से परामर्श करने की लागत की क्षतिपूर्ति करती है.

हां, पॉलिसी को बिना किसी आयु सीमा प्रतिबंध के और अतिरिक्त प्रीमियम देकर, आपके पति/पत्नी और 2 आश्रित बच्चों को कवर करने के लिए विस्तारित किया जा सकता है.

क्लेम की स्थिति में और किसी निर्दिष्ट घटना का पता चलने पर क्लेम रिपोर्ट करने के लिए, बीमित व्यक्ति को, क्लेम होने के 7 दिनों के भीतर विधिवत भरे हुए क्लेम फॉर्म के साथ एच डी एफ सी एर्गो को पूरे विवरण के साथ लिखित नोटिस देना होगा.

यदि बीमित के अकाउंट या कार्ड विवरण का उपयोग करके धोखाधड़ी से ऑनलाइन खरीद कर ली जाती है तो बीमित ई@सिक्योर पॉलिसी के तहत क्लेम कर सकता है. पॉलिसी बैंक अकाउंट से पैसे की निकासी को कवर नहीं करती है.