आपके लिए ज़रूरी जानकारी
ई@सिक्योर पॉलिसी व्यक्ति और उसके परिवार को ऑनलाइन धोखाधड़ी और अपराधों से सुरक्षा देती है. इसमें ऑनलाइन खरीदारी से जुड़ी धोखाधड़ी, नकली ईमेल भेजना (स्पूफिंग), फिशिंग और ऑनलाइन छवि (ई-रेपुटेशन) को नुकसान जैसे मामले शामिल हो सकते हैं.
बीमित व्यक्ति क्राइम होने के 6 महीनों के अंदर क्लेम रजिस्टर कर सकता है, इसके बाद क्लेम देय नहीं होगा.
इस पॉलिसी को बीमित व्यक्ति के आश्रित बच्चों को कवर करने के लिए बढ़ाया जा सकता है. पॉलिसी आपके बच्चों को साइबर बुलीइंग और उत्पीड़न के कारण होने वाले मानसिक आघात तथा ऑनलाइन रेपुटेशन के नुकसान के खिलाफ सुरक्षित कर सकती है.
यह पॉलिसी ₹50,000 से लेकर 1 करोड़ तक की क्षतिपूर्ति विकल्पों की मल्टीपल लिमिट प्रदान करती है. बीमित व्यक्ति इनमें से कोई भी विकल्प चुन सकता है तथा फैमिली और मालवेयर एड ऑन कवर भी ले सकता है. यह कवर, बीमित की क्रेडिट लिमिट, उसके बैंक अकाउंट में बैलेंस और इंटरनेट पर की जाने वाली खरीदारी की आवृत्ति और राशि पर निर्भर करेगा.
आजकल, बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक, हर कोई साइबर स्पेस में सक्रिय है. ऐसे प्रत्येक व्यक्ति को ऑनलाइन खतरों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए, साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से ऑनलाइन धोखाधड़ी के खिलाफ सुरक्षा मिल सकती है. 18 वर्ष और इससे अधिक की आयु का कोई भी व्यक्ति यह पॉलिसी खरीद सकता है और यह पॉलिसी खुद के लिए, पति/पत्नी और दो आश्रित बच्चों के लिए खरीदी जा सकती है (आयु सीमा का कोई प्रतिबंध नहीं).
इस पॉलिसी के तहत कवर किए जाने वाले जोखिम हैं:
ऐड ऑन कवर
हां, ई@सिक्योर पॉलिसी पहचान की चोरी या आइडेंटिटी थेफ्ट को कवर करती है.
यह पॉलिसी दुनिया भर में ऑनलाइन धोखाधड़ी और अपराधों से होने वाले नुकसान को कवर करती है. हालांकि, पॉलिसी के तहत किसी भी कानूनी कार्यवाही का अधिकार क्षेत्र भारत रहता है.
साइबर इंश्योरेंस, साइबर धोखाधड़ी के कारण नुकसान होने पर कवर प्रदान करता है. आज हर काम के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल हो रहा है और ऐसे में हर व्यक्ति साइबरस्पेस में मौजूद खतरों से प्रभावित हो सकता है. साइबर इंश्योरेंस के साथ, आप खुद को तथा अपने परिवार को, अनधिकृत ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन, फिशिंग और ईमेल स्पूफिंग, ई-रेपुटेशन को नुकसान, पहचान चोरी, साइबर बुलीइंग और ई-एक्सटॉर्शन के कारण पैदा होने वाले फाइनेंशियल जोखिमों से सुरक्षित कर सकते हैं.
फिशिंग को पॉलिसी लिमिट के 15% तक और ईमेल स्पूफिंग को पॉलिसी लिमिट के 25% तक कवर किया जाता है. यह पॉलिसी उक्त हमलों के कारण होने वाले फाइनेंशियल नुकसान के लिए भुगतान करती है.
न्यूनतम बीमा राशि लिमिट ₹ 50,000 के लिए प्रीमियम ₹ 1,410 + GST है.
फिशिंग में किसी वैध वेबसाइट की नकल करके उसे वैध जैसा दिखाया जाता है, और इस प्रकार लोगों को नकली वेबसाइट पर ट्रांज़ैक्शन करने या विवरण शेयर करने के लिए प्रेरित किया जाता है, जिससे ग्राहकों को फाइनेंशियल नुकसान होता है. ईमेल स्पूफिंग में नकली मेल ID से ईमेल भेजकर पीड़ितों की संवेदनशील जानकारी जैसे कि उनके बैंक अकाउंट का विवरण, कंप्यूटर सिस्टम, पासवर्ड जैसी पर्सनल जानकारी प्राप्त की जाती है.
हां, बीमित व्यक्ति इंश्योरेंस कंपनी से सहमति प्राप्त करने के बाद खुद का वकील हायर कर सकते हैं.
यदि आपने ई@सिक्योर पॉलिसी के तहत इंश्योरेंस करवा रखा है, तो आपके अकाउंट विवरण का उपयोग करके धोखाधड़ी से की गई ऑनलाइन खरीद के कारण आपको हुए फाइनेंशियल नुकसान को कवर किया जाता है. बीमित व्यक्ति क्राइम होने के 6 महीनों के अंदर क्लेम रजिस्टर कर सकते हैं, इसके बाद क्लेम देय नहीं होगा.
हां. साइबर इंश्योरेंस आपके क्रेडिट कार्ड, पर्सनल बैंक अकाउंट, डेबिट कार्ड और ई-वॉलेट का उपयोग करके ऑनलाइन की गई अनधिकृत ऑनलाइन खरीद को कवर करता है.
यह 12 महीने है.
पहचान की चोरी एक प्रकार की धोखाधड़ी होती है, जिसमें कोई व्यक्ति लोन, क्रेडिट इत्यादि प्राप्त करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति के नाम और पर्सनल जानकारी का उपयोग कर लेता है.
यदि क्लेम के समय, एक से अधिक सेक्शन ट्रिगर हो जाते हैं, तो पॉलिसी अधिकतम सब-लिमिट वाले सेक्शन के तहत क्लेम का भुगतान करेगी. उदाहरण के लिए: यदि नुकसान ई-रेपुटेशन सेक्शन (पॉलिसी लिमिट के 25% तक कवर किया जाता है) और अनधिकृत ऑनलाइन ट्रांजैक्शन (पॉलिसी लिमिट के 100% तक कवर किया जाता है), दोनों के तहत होता है, तो क्लेम का भुगतान अनधिकृत ऑनलाइन ट्रांजैक्शन सेक्शन के तहत किया जाएगा.
हां, यदि किसी व्यक्ति का डिजिटल असेट मालवेयर के कारण खराब हो जाता है या नष्ट हो जाता है, तो पॉलिसी उसे होने वाले नुकसान के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है. पॉलिसी अतिरिक्त प्रीमियम के भुगतान पर मालवेयर द्वारा खराब किए गए डिजिटल एसेट के रिप्लेसमेंट, रीस्टोरेशन और रीकलेक्शन की लागत का भुगतान करती है.
नहीं, इसका भुगतान नहीं किया जाता है. केवल ई-एक्सटोर्शन, ई-रेपुटेशन के नुकसान और मालवेयर के मामले में ही IT खर्च का भुगतान किया जाता है.
हां, पॉलिसी ई-रेपुटेशन के नुकसान के साथ-साथ साइबर बुलीइंग और उत्पीड़न को भी कवर करती है. ई-रेपुटेशन के नुकसान के मामले में, पॉलिसी, इंटरनेट पर फैलाए गए हानिकारक और अपमानजनक कंटेंट का मुकाबला करने के लिए एक IT विशेषज्ञ नियुक्त करने की लागत की प्रतिपूर्ति करती है. पॉलिसीधारक को पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस से निपटने के लिए सायकोलॉजिस्ट से परामर्श करने में हुए खर्च की भी प्रतिपूर्ति की जा सकती है. साइबर बुलीइंग और उत्पीड़न के मामले में, पॉलिसी पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए साइकोलॉजिस्ट से परामर्श करने की लागत की क्षतिपूर्ति करती है.
हां, पॉलिसी को बिना किसी आयु सीमा प्रतिबंध के और अतिरिक्त प्रीमियम देकर, आपके पति/पत्नी और 2 आश्रित बच्चों को कवर करने के लिए विस्तारित किया जा सकता है.
क्लेम की स्थिति में और किसी निर्दिष्ट घटना का पता चलने पर क्लेम रिपोर्ट करने के लिए, बीमित व्यक्ति को, क्लेम होने के 7 दिनों के भीतर विधिवत भरे हुए क्लेम फॉर्म के साथ एच डी एफ सी एर्गो को पूरे विवरण के साथ लिखित नोटिस देना होगा.
यदि बीमित के अकाउंट या कार्ड विवरण का उपयोग करके धोखाधड़ी से ऑनलाइन खरीद कर ली जाती है तो बीमित ई@सिक्योर पॉलिसी के तहत क्लेम कर सकता है. पॉलिसी बैंक अकाउंट से पैसे की निकासी को कवर नहीं करती है.