स्टैंड-अप इंडिया स्कीम एक कार्यक्रम है, जिसे अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) उधारकर्ताओं और/या महिला उद्यमियों को नए प्रोजेक्ट स्थापित करने के लिए फाइनेंस करने हेतु डिज़ाइन किया गया है. ये उद्यम विनिर्माण, सेवाएं, कृषि-संबंधित गतिविधियां या ट्रेडिंग हो सकते हैं. नॉन-इंडिविजुअल बिज़नेस के लिए, कम से कम 51% शेयर और नियंत्रण SC/ST या महिला उद्यमियों के स्वामित्व में होना चाहिए.
इसके लाभों में ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के लिए लोन, उद्यमी को मार्गदर्शन और SC/ST और महिला उद्यमियों को आत्मनिर्भरता बनाने के लिए प्रोत्साहित करना शामिल हैं. यह रोज़गार सृजन और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देता है.
इस स्कीम के तहत अप्लाई करने के लिए, एच डी एफ सी बैंक की ब्रांच या डिजिटल लोन एप्लीकेशन और उद्यमी संंबधी मार्गदर्शन के लिए उद्यमी मित्र पोर्टल पर जाएं.
स्टैंड-अप इंडिया स्कीम भारत सरकार द्वारा द्वारा शुरू की गई है, जो SC/ST और/या महिला उद्यमियों को ग्रीनफील्ड उद्यमों की स्थापना करने में फाइनेंशियल सहायता प्रदान करती है. यह विभिन्न क्षेत्रों में नए उद्यमों के लिए ₹ 10 लाख से ₹ 1 करोड़ तक के लोन प्रदान करती है.
वित्त मंत्रालय ने 5 अप्रैल, 2016 को फाइनेंशियल सेवा विभाग के तहत स्टैंड-अप इंडिया स्कीम शुरू की.
स्टार्ट-अप इंडिया का उद्देश्य स्टार्टअप को सहायता करके नवाचार को बढ़ावा देना और नौकरियां पैदा करना है. दूसरी ओर, स्टैंड-अप इंडिया SC/ST और महिला उद्यमियों पर केंद्रित है, जो उन्हें ग्रीनफील्ड उद्यम शुरू करने के लिए लोन प्रदान करता है.
स्टैंड-अप इंडिया का उद्देश्य नए बिज़नेस स्थापित करने के लिए लोन प्रदान करके SC/ST और महिला उद्यमियों को सशक्त बनाना है, जिससे आर्थिक समावेशन और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिले.